AWARA..

ना ठहर तु, चलता चल, आवारा ही सही. पर कर ले कही कुछ आवारगी.
आवारा ही भटके जा. पर काम ऐसे कर जा. सितम ना कर तु कभी किसी पर. आसु ना दे जा. पर तु कुछ तो प्यार मे, कर जा.
तु भुल जा ऊसे और वह तो भुलेगां ही तुझे. पर कुछ तो आवारगी कर जा. जिने का रास्ता सिखा जा.
सुनिये .... अल्फाज जावेद अख्तर के ...

